मान्या - द गेन्गस्टर ।PART 1ST LINK BELOW
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मान्या_the GANGSTER part 2..LINK BELOW.
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अब एक तरफ जहां पुलिस मान्या को तलाश मे नाकाबंदी कर चुकी थी,मान्या इस बात से अंजान था,क्योकिं मान्या का फोन रवि ने रख लिया था,मान्या अपने किसी दोस्त के पास दुसरे शहर जा रहा था,तो मान्या ने देखा कि आगे सभी बसों की बारी बारी चेकिंग की जा रही है,
मान्या ने मुहं पर कपड़ा लेकर सोने की सोची,अब मान्या की बस मे जब चेकिंग हुई तो हवलदार ने उस बस को जाने के लिये इशारा किया,लेकिन जब बस चली तो मान्या ने कपड़ा हटाया तो उसकी नज़र सामने खड़े हवलदार पर पड़ी जो कि नियम अनुसार थोड़ी दूर बस के साथ जाता है,
कपड़ा दोबारा रखा जाता इतने मे तो हवलदार ने मान्या को देख लिया और मान्या को बिना बताये उसने अपने साथियो को बुला लिया,
लगभग अगली 4-5 मिनट में पुलिस की 2 गाड़ियों ने बस को रुकवा दिया,
हथियार के सहित 3 पुलिस अधिकारी बस में सवार मान्या को बिना हाथ लगाये निचे उतरने को कहा,मान्या उतर गया,
लेकिन जेसे ही मान्या को मान्या को पुलिस की गाड़ी मे बेठने के लिये धका दिया गया तो मान्या ने लाल आंखो से उसे समझाने की कोशिश की कि वो अपने आप बेठ जायेगा,
पुलिस वाले ने ऐंठ के जवाब दिया,
'घूर किसे रहा है,चुपचाप बेठ जा,'
मान्या ने हँसते हुए कहा,'बीमा करा राख्या है के तन'
ये सुनते ही पुलिस वाले ने चुपचाप बेठना सही समझा ,
अब मान्या बिल्कुल शान्ती से थाने पहुंच गया,
उसको एक अपराधी के साथ जेल मे बन्द कर दिया गया,मान्या ने जेल पहले कभी नही देखी थी,
जेल का माहौल देख,मान्या घुटन महसूस कर रहा था,अगले दिन अखबार पढते हुए साथ के अपराधी ने मान्या की खबर सुनाई तो लिखा हुआ था,
' मान्या ,कुख्यात बदमाश गिरफ्तार,पुलिस को धमकी देने का दुसरे आरोप मे सयुंक्त पेशी 3 दिन बाद'
ये सुन मान्या की छवि पुरे इलाके मे बदमाश की हो गई थी,जेल मे भी उसकी छवि सब बदमाश लोगो मे सबसे उपर बन चुकी थी,इलाके मे मान्या का भय हो चुका था,
अब 3 दिन बाद मान्या की कोर्ट में पेशी हुई,दो महिने की सजा और 15000 रूपये का जुर्माना हुआ,व जमानत नही मिलने का प्रावधान किया गया,अब मान्या ने जेसे तेसे 1 महिने सजा काट ली थी,उसके साथ रहने वाले अपराधी की जेल तोड़कर भागने की कोशिश थी,उसने मान्या को बताया की उसकी 3 साल की जेल बाकी है और उसे यहाँ से भागना है,मान्या ने उसकी मदद करने का फैसला लिया,अब रात को मान्या और उसका अपराधी दोस्त जिसका नाम गिरिराज था,एक सुरंग खोदना चालू कर दिया,लगभग 15 दिन बाद वे पास के एक बन्द पड़े नाले तक पहुँच गये,मान्या की सजा अब 3 दिन रही थी,मान्या ने एक प्लान बनया की उसकी सजा पुरे होने के तीन तीन बाद गिरिराज को भागना है,ताकी उस पर किसी को शक ना हो,
मान्या की सजा अब पूरी हो चुकी थी,अब मान्या जेल से बाहर आ गया,उसकी जिँदगी शायद अब सुधरने वाली थी,उसके 3 दिन बाद जब गिरिराज जेल तोड़कर भाग गया तो अगले दिन पूछताछ करने पुलिस मान्या के पास पहुंची तो मान्या ने साफ साफ कुछ भी पता होने से मना कर दिया,पुलिस-प्रशासन को ये बात समझ नहीं आई की अकेला व्यक्ति 3 दिन मे सुरंग बनाकर केसे भाग गया,अब अखबारों मे छ्पी खबरो ने मान्या के दोस्त और मान्या को बदनामी की दुनिया मे उपर पहुंचा गई,
अब जब मान्या जेल के बाद अगले दिन कॉलेज गया तो.......
आगे की कहानी कभी बाद में ।
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मान्या ने मुहं पर कपड़ा लेकर सोने की सोची,अब मान्या की बस मे जब चेकिंग हुई तो हवलदार ने उस बस को जाने के लिये इशारा किया,लेकिन जब बस चली तो मान्या ने कपड़ा हटाया तो उसकी नज़र सामने खड़े हवलदार पर पड़ी जो कि नियम अनुसार थोड़ी दूर बस के साथ जाता है,
कपड़ा दोबारा रखा जाता इतने मे तो हवलदार ने मान्या को देख लिया और मान्या को बिना बताये उसने अपने साथियो को बुला लिया,
लगभग अगली 4-5 मिनट में पुलिस की 2 गाड़ियों ने बस को रुकवा दिया,
हथियार के सहित 3 पुलिस अधिकारी बस में सवार मान्या को बिना हाथ लगाये निचे उतरने को कहा,मान्या उतर गया,
लेकिन जेसे ही मान्या को मान्या को पुलिस की गाड़ी मे बेठने के लिये धका दिया गया तो मान्या ने लाल आंखो से उसे समझाने की कोशिश की कि वो अपने आप बेठ जायेगा,
पुलिस वाले ने ऐंठ के जवाब दिया,
'घूर किसे रहा है,चुपचाप बेठ जा,'
मान्या ने हँसते हुए कहा,'बीमा करा राख्या है के तन'
ये सुनते ही पुलिस वाले ने चुपचाप बेठना सही समझा ,
अब मान्या बिल्कुल शान्ती से थाने पहुंच गया,
उसको एक अपराधी के साथ जेल मे बन्द कर दिया गया,मान्या ने जेल पहले कभी नही देखी थी,
जेल का माहौल देख,मान्या घुटन महसूस कर रहा था,अगले दिन अखबार पढते हुए साथ के अपराधी ने मान्या की खबर सुनाई तो लिखा हुआ था,
' मान्या ,कुख्यात बदमाश गिरफ्तार,पुलिस को धमकी देने का दुसरे आरोप मे सयुंक्त पेशी 3 दिन बाद'
ये सुन मान्या की छवि पुरे इलाके मे बदमाश की हो गई थी,जेल मे भी उसकी छवि सब बदमाश लोगो मे सबसे उपर बन चुकी थी,इलाके मे मान्या का भय हो चुका था,
अब 3 दिन बाद मान्या की कोर्ट में पेशी हुई,दो महिने की सजा और 15000 रूपये का जुर्माना हुआ,व जमानत नही मिलने का प्रावधान किया गया,अब मान्या ने जेसे तेसे 1 महिने सजा काट ली थी,उसके साथ रहने वाले अपराधी की जेल तोड़कर भागने की कोशिश थी,उसने मान्या को बताया की उसकी 3 साल की जेल बाकी है और उसे यहाँ से भागना है,मान्या ने उसकी मदद करने का फैसला लिया,अब रात को मान्या और उसका अपराधी दोस्त जिसका नाम गिरिराज था,एक सुरंग खोदना चालू कर दिया,लगभग 15 दिन बाद वे पास के एक बन्द पड़े नाले तक पहुँच गये,मान्या की सजा अब 3 दिन रही थी,मान्या ने एक प्लान बनया की उसकी सजा पुरे होने के तीन तीन बाद गिरिराज को भागना है,ताकी उस पर किसी को शक ना हो,
मान्या की सजा अब पूरी हो चुकी थी,अब मान्या जेल से बाहर आ गया,उसकी जिँदगी शायद अब सुधरने वाली थी,उसके 3 दिन बाद जब गिरिराज जेल तोड़कर भाग गया तो अगले दिन पूछताछ करने पुलिस मान्या के पास पहुंची तो मान्या ने साफ साफ कुछ भी पता होने से मना कर दिया,पुलिस-प्रशासन को ये बात समझ नहीं आई की अकेला व्यक्ति 3 दिन मे सुरंग बनाकर केसे भाग गया,अब अखबारों मे छ्पी खबरो ने मान्या के दोस्त और मान्या को बदनामी की दुनिया मे उपर पहुंचा गई,
अब जब मान्या जेल के बाद अगले दिन कॉलेज गया तो.......
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Aage ki khani kbi baad me kl nhi dekh paye ge
जवाब देंहटाएंMst h bhai
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