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मान्या - THE GANGSTER (PART-2)


अब मान्या मानो कि भूखे शेर की तरह उस अंजान को खोज रहा था,लेकिन उसे पता नही चल पाया कि वो अनजान कोन था,अब
3 दिन बाद रवि को होश आया तो उसने मान्या को बुलाया और मान्या दौड़ता हुए हॉस्पीटल पहूंचा,
रवि को होश आ चुका था और वो बोलने लगा था,
मान्या ने उसे अपनी बातो मे लेके उस व्यक्ति के बारे मे पुछा,तो रवि ने बताया कि वो एक पुलिस अधिकारी का लड़का था,जो कि धमकी दे रहा था कि उसके पिता सब इंस्पेक्टर है,और उसके पास एक काली गाडी थी जो दिल्ली नम्बर की थी,अब मान्या ने दिमाग लगाया व पास ही के सदर थाने मे FIR दर्ज कराने को चला गया,अब जब मान्या को पुलिस थाने मे एक काली दिल्ली नम्बर की गाड़ी दिखी जिस पर सब इंस्पेक्टर लिखा हुआ था,तो उसने तुरंत FIR दर्ज करवाने की कोशिश की तो उसकी सुनवाई नही हुई और उसे यह कह के निकाल दिया गया कि 'तेरे जेसे बहुत देखे है'
अब मान्या ने अपने दिमाग को शान्त कर वहाँ से बाहर आया तो उसने देखा कि एक लड़का उसी गाडी के पास जा रहा था,मान्या ने उस लड़के की एक फोटो अपने फोन मे खिंची और सीधा रवि के पास हॉस्पिटल पहुंच गया,अब रवि ने कहा
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'हाँ ये वो ही है'
मान्या की हंसी निकली और बोला,बस लाडले अब इसी हॉस्पिटल मे एक बेड लगवा,जहां तेरा दुश्मन आयेगा,
अब रवि ने समझाया कि छोड़ो जो हो गया वो हो गया अब कुछ नही करना,
लेकिन मान्या ने मन मे ये बात सोच ली थी कि अब कुछ करना है,बदला लेना है,
अब मान्या ने उस लड़के की रेकी करना चालू किया,मान्या ने 3-4 दिन मे उसकी सब जानकारी इक्कठा कर एक दोस्त को दी जिसका नाम आज भी गुप्त है,अब फैसले का दिन पास था,
मान्या व उसका गुप्त दोस्त पुरे मामले को ठंडा करना चाहते थे,5-7 दिन और बीत गये,
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घड़ी की सुई अब मान्या के हाथ मे थी,चाहता तो वो अपनी जिन्दगी को वापिस उसी रास्ते पर ला सकता था,लेकिन बद्ला?
मान्या ने उसी दिन का इन्तेजार किया जब तक रवि चलने की हालत मे हो जाए,आज वो दिन था जब मान्या के प्लान के हिसाब वो लड़का उसी पार्किंग मे दोबारा आने वाला था,बस वो ही हुआ,
वो लड़का उसी पार्किंग मे वो ही गाड़ी लेकर आ गया,गाड़ी से वो अनजान जिसका नाम हर्ष था,उतरा और उतरते ही देखा,कि रवि उसके सामने खड़ा था और रवि की ताँगे कांप रही थी,लेकिन रवि के पास एक हॉकी थी,हर्ष मुस्करा कर बोला,
'क्यूँ सही हो गया'
रवि भी सहम कर डर तो लग रहा था,उसने हॉकी को उसकी गाड़ी के शीशे पर ज़ोर से मारी जिस से उसका शीशा टूट गया,
हर्ष ने ज़ोर से गाली निकाली और रवि की और एक कदम रखा कि मान्या ने उसके कान पर पीछे से ज़ोर से एक चपाट धर दिया,मान्या शरीर का धनी था,उसका थपड़ इतना ज़ोर से लगा कि हर्ष का सिर अपने गाड़ी के शीशे को तोडकर उसके अन्दर घुस गया,लहू लुहान सिर को देखकर मान्या विचलित हो गया लेकिन हर्ष ने होश खो दिया,रवि हॉकी छोड़कर मान्या के साथ अपने मकान पर पहुंच गया,ये सब पार्किंग के गार्ड ने देख लिया,उसने मान्या को ही देखा सिर्फ,उसने रवि को नहीं देखा,मान्या को पार्किंग से निकलते देख गार्ड अन्दर गया तो देखा कि एक लड़का बेहोश हो चुका था और खून लगातर उसके सिर से निकल रहा था,गार्ड ने तुरंत पुलिस को फोन किया और सब बता दिया, हर्ष को हॉस्पिटल मे भेजा गया जो कि ज्यादा खून बहने से होश मे नही था,
पुलिस ने मान्या की पहचान कर उसे गार्ड की गवाही पर FIR लिखकर खोजना चालू किया,
मान्या अब मकान छोड़कर घर जा चुका था,घर पर इस बात का पता चलते उसे घर से बाहर रहने की सलाह दी गई,उसने गांव से बाहर जाने की सोच ली,
पुलिस मान्या के मकान पर पहुंची तो देखा की रवि और 2 उसके दोस्त पढाई कर रहे थे,जिन्हे मान्या के बारे मे कुछ भी नही पता था,रवि से पूछताछ कि तो उसने यह बताया की वो हॉस्पिटल से अभी डिस्चार्ज हुआ है,उसे उसके बारे मे कुछ नही पता,ये बात मान्या ने रवि और उसके दोस्तो को पहले ही बता दी थी कि कुछ भी हो जाए मुंह नही खोलना है,अब हॉस्पिटल मे डॉक्टर ने हर्ष के लिये कहा कि इसके कान पर थपड़ का निशान है जो बहुत ज़ोर से मारा गया है तो ये बेहोश हो गया,ये सुन पुलिस के होश उड़ गये,और नाकाबन्दी कर मान्या की तलाश शुरु की,
*आगे की कहानी* अगले पेज पर कल मिलेगी।
Fb/ MR. ATUL POONIA
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