जैसा की आप सब जानते है कि हर एक व्यक्ति
के जीवन मे एक ना एक आस्तीन का सांप ज़रूर होता है,
उसी आस्तीन के सांप की कहानी बताता हूँ,
एक बार की बात है कि एक बहुत बड़े व्यापारी अपने जीवन की,
.....सबसे बड़ी तरक्की वाली सीढ़ी पर पहुचने वाला था,व्यापारी का नाम था गौतम।
अपनी जीवन की पूरी दस साल की मेहनत उसने अपनी कम्पनी को
बेहतर बनाने के लिये लगा दिये,अब जब बिल्कुल उसकी कंपनी इंटरनेशनल कंपनी बनने वाली थी,तो उसने एक फ़ैसला लिया कि
उसको अपनी कंपनी को एक भरोसेमंद ईमानदार दोस्त की ज़रूरत थी,तो उसने अपने एक मित्र को सारे राज़ बता दिये और उसे कंपनी का मैनेजर बना दिया,
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उसका मित्र बहुत ही खुश था,कि वो अपने जीवन मे अपने दोस्त की वजह से कुछ बन चुका था,अब उसके पास एक अछी गाड़ी,एक फ्लैट और कई आरामदायक चीजे मिल चुकी थी,अब उसे दिनो
दिन और ऐश और आराम की लालसा होने लगी,अब उसे कंपनी के सारे राज पता थे तो उसने अन्दर ही अन्दर कंपनी की ज़रूरी बाते जो सिर्फ कुछ खास लोगो को पता थी उन्हे किसी और कंपनी के साथ साँझा करना चालू कर दिया व मोटी रकम लेने लगा, अब दिनो दिन गौतम की कंपनी डूबती रही और बाकी कंपनी लगातर उसके तरीको को अपनाकर आगे बढती रही,अब उसने यह कभी नही सोचा था कि उसकी कम्पनी इतने से दिनो मे गिर जायेगी,अब यह सोचना था कि इसका क्या कारण रहा है,
अब उसने एक बात मान ली थी कि बुरे दिनो को टालना सम्भव नही है,लेकिन आस्तीन के सांप को पहचानना बहुत ज़रूरी था,उसने अपनी कंपनी के रिकॉर्ड देखने चालू किये तो उसने देखा कि जितनी उसकी कंपनी जितनी निचे गिरी है उतनी ही एक कंपनी की तेजी से तरक्की हुई है,अब उसने देखा है कि उसके मित्र के उस कंपनी के मालिक के साथ आना जाना लगातर बढा है,उसकी जानकारी निकाली तो पता चला की वो लालच का शिकार हो चुका था,अब गौतम ने उसको समझाने के बजाये अपने दिमाग से काम लिया तो पाया कि अगर व वापिस कंपनी गी गोपनियता सिर्फ अपने तक रखे और उसके मित्र को गलत चीज़ बताये तो सब यकीन मे बदल जायेगा,
यूँ ही हुआ करीब दो महिनो के बाद,गौतम की कंपनी वापिस उसी मुकाम पर पहुंच गई जहाँ से वो वापिस गिरी थी,
अब सामने वाले कंपनी के मालिक ने गौतम के मित्र का सब के सामने सच बता दिया और धोखेबाजी का आरोप लगा दिया,गौतम ने यह सब अपनी आंखो से देखा और उसकी आंखो मे से आँसू की बौछार शुरु हो गई, उसने अपने मित्र को उसके पद से हटाकर एक बात कही,कहते तो कंपनी तुम्हारे नाम कर देता,लेकिन आज इस कंपनी से बाहर करना मेरी मजबूरी है,लेकिन तुम तुम्हारे सब पैसे अपने पास रखो,और मित्रता बरकरार रखना,
अब गौतम के मुंह से एक शायर निकला,
'आस्तीन के सांप को पाला नही जाता,
जैसे बुरे वक्त को टाला नही जाता।'
आप भी ऐसे आस्तीन के सांपो से बचकर अपने जीवन को गुप्त व सही रास्ते मे चलते रहे।
आपका अपना ,
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