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शुक्रवार, 20 सितंबर 2019

मान्या - THE GANGSTER (PART-6)


अब माहौल कुछ यूं था मान्या बड़े जोर शोर से तैयारी कर रहा था कि अब इलेक्शन आ रहे हैं...
और आज नामांकन है, अब क्या था नामांकन का दिन आया तो,
... अलग-अलग प्रत्याशी सामने आ गए ।
जब मान्या का प्रत्याशी,जिसका नाम कपिल था, नामांकन की तैयारी कर रहा था,नामांकन के लिए काफला तैयार हो रहा था,कपिल का नाम कम मान्या का काफिले में नाम ज्यादा था मान्या की वजह से उस काफले में गाड़ियों के संख्या कम से कम 200 के करीब थी पुलिस प्रशासन ने मान्या का नाम लेते ही रैली की इजाजत दे दी और मान्या ने पुलिस प्रशासन को धन्यवाद भी किया।
समय कुछ 10:00 बजे का था इतने में अलग-अलग प्रत्याशी अपना नाम नामांकन के लिए दे चुके थे।
अब 10:00 बजे मान्या और कपिल का काफिला कॉलेज की ओर बढ़ा,
अब जो भी उस काफिले को देखता बस नजर ठहरी जाती, मान्या जो एक कुख्यात बदमाश से साफ छवि की ओर बढ़ रहा था परंतु जिस किसी ने भी वह मान्या का काफिला देखा तो उसके मन में एक ही बात रह गई कि मान्या,
आज भी अपनी शख्सियत में दम रखता है काफिला कॉलेज की ओर बढ़ता चला गया नारे लग रहे थे कुछ कपिल तो बहुत कुछ मान्या की जय जयकार में लगे थे मान्या मानो इस दृश्य को देख बहुत खुश हुआ ऐसे ही लग रहा था कि प्रधान की का चुनाव कपिल नहीं मान्या लड़ रहा है कॉलेज के बाहर जब गाड़ियां पहुंची तो सभी छात्र देखकर दंग रह गए कि इतनी भीड़ सिर्फ और सिर्फ मान्या इकट्ठा कर सकता है लेकिन मान्या ने किसी को बुलाया नहीं था यह सब उसी उसकी पहचान थी कि लोग अपने आप मान्या की एक लफ्ज़ पर सैकड़ों गाड़ियां लेकर कपिल के काफिले पहुंच गए अब नामांकन के लिए गेट के अंदर दाखिला हुआ नामांकन के समय सिर्फ जो प्रत्याशी है वही कॉलेज के अंदर जा सकता है लेकिन मान्य मान्य को भी इजाजत मिली कि आप भी अंदर जा सकते हैं एक वीआईपी का सलूक मान्य के साथ हो रहा था अब नामांकन तो हो चुका।
माहौल भी बन गया,माहौल एक तरफा भी बन गया,अब शाम को जब जब मान्या अपने मकान पर जा रहा था ,उसके साथ रवि और उसके दो दोस्त उनकी गाड़ी में ही मकान पर जा रहे थे,
एक मोड़ मोड़ा कि आगे देखा कि कुछ लोग खड़े हैं ऐसा ही खड़े होंगे मैंने सोचा,लेकिन जो लोग वहां पर खड़े हुए थे उन्होंने तो कुछ और ही सोच रखा था।
जैसे ही हमारी गाड़ी उन लोगों से लगभग 50 मीटर की दूरी पर पहुंची तो इतने में,
गाड़ी के शीशे पर पत्थर आने लगे,
पत्थर तक ठीक था...
गाड़ी अनियंत्रित होकर पेड़ में जा लगी लेकिन अब जो बाद में हुआ वह हमने कभी सोचा भी नहीं था,हमने क्या यह तो मान्या ने भी नहीं सोचा था
कि उसे कभी हथियारों का सामना करना पड़ेगा कुछ लोग जिनके पास पिस्टल और बंदूकें थी हमारी गाड़ी की तरफ बढ़ने लगे ,मान्या को जोर-जोर से कहा की गाड़ी स्टार्ट करो और निकलो।
जैसे तैसे हमारे गाड़ी स्टार्ट हुई और वह जैसे ही हमारी गाड़ी के पास आने लगे इतने में मारी गाड़ी सराटे से वहां से निकल गई,
अब जब मकान पर पहुंचे तो इतना इतना दिमाग खराब हुआ कि ऐसा कौन कर सकता है हमारा किसी से कोई हथियारों वाला बैर नहीं है मान्या ने भी यही सोचा ऐसा कौन कर सकता है हमारा कोई दुश्मन भी नहीं है हर्ष जिस ने माफी मांग ली और वह दिल्ली रहने लगा है ,
और इलाके में शायद ही कोई मान्या पर हमला कर सकता है यह कौन थे चुनावी रंजिश मैं मिले कुछ लोग या हर्ष के लोग या पुलिस प्रशासन इसका जवाब अगली बार....
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