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गुरुवार, 19 सितंबर 2019

मान्या - THE GANGSTER (PART-5)


मिटी कहां गई ये सिर्फ मान्या को ही पता था,लेकिन मुझे भी तो पता है,चलो देखो अब आप सब कि मान्या ने पुलिस अधिकारी को जवाब दिया था कि उसे ज़मीन पर सोना ही अच्छा लगता है,लेकिन अब आपने एक लाईन पढ़नी चाहिए थी कि पानी के मटके....
एक जेल के कमरे मे पांच पानी के मटके होते है,जिन्हे भरने के लिये केदी कभी भी जेल के कमरे से बाहर आ सकता है,क्योकिं वो उनके दैनिक जीवन का हिस्सा है,अब मान्या के शरीर का धनी था,और उसका जेल में एक कुख्यात रुतबा था,दिन मे मान्या जेसे तेसे मटको के पानी को खाली कर,रात को उनमे मिटी भरता था, पांच मटको मे भरी मिटी कितनी होती है आपको पता होना चाहिए,एक 25 लीटर के पानी के मटके मे कम से कम 40 किलो मिटी आ सकती है,अब रात को मान्या सभी मटको मे मिटी भरता और सुबह 4 बजे उठकर अपनी शारीरिक फिटनेस को सहेजता था,उठते ही वो मटको को जेल के कुए मे गिरा देता,इतनी बड़ी जेल तो कुआ भी आम सी बात है बड़ा ही होगा,रोज थोड़ी थोड़ी मिटी से वो कुआ 4 साल मे नही भर सकता था,मिटी कुए में पानी मटको में,सिलसिला जारी रहा मिटी जाती रही,काम चलता रहा,अब ये कोन जाने की की इतने गहरे कुए मे निचे मिटी है या कुछ और,मान्या का यह प्लान भी सफल रहा ,अन्तिम दिन मे मान्या ने मटको को साफ पानी से भर के छोड़ा था,ताकि किसी को शक ना हो कि आज मान्या ने मटके क्यूँ नही भरे,गौर कोन करे,पानी का क्या कोई सोचेगा,ये भारत है।
अब ऐसे मिटी गायब हुई थी और एक शातिर युवा मान्या का दिमाग पुलिस के दिमाग से कई ज्यादा चलता था,
बेसब्री की हद होती है,मिटी कहां गई ये पता उन्हे आज भी नहीँ,गिरिराज आज भी फरार है,एक दिमाग और इतना तहलका,,ये सिर्फ मान्या ही कर सकता है,
मान्या, नाम ही काफी था इलाके में,साफ छवि या बदमास,ये लोगो की सोच मे था,
कलेक्टर ,मन्त्री,बड़े लोग ,बड़े अधिकारी एक ही नाम को पहचानते थे,मान्या।
थपड़ से मिटी तक मान्या के बहुत बड़ा किस्सा था,
जो शायद कभी न उजागर हो सकता था,अब एक नई चीज़ मान्या के कॉलेज मे आने वाली थी,जिसका नाम था स्टूडेंट ईलेक्शन,यानि छात्र संघ चुनाव ।
मान्या कॉलेज के पहले साल में,लेकिन रुतबा किसी प्रधान से कितना ज्यादा,
अब चुनाव की हलचल में सभी कैंडिडेट वोट के पास कम मान्या के पास उसके मकान के आगे ज्यादा खड़े नज़र आ रहे थे,हालात चुनाव नहीं मान्या था,मान्या चुनाव मे सहायता नहीँ करना चाहता था,लेकिन नाम का इस्तेमाल भी तो करना था,चुनाव के 5 दिन बाकी और नामकंंन आज थे,मान्या ने उमीदवार घोषित करना था,आज।
मान्या ने उमीदवार घोसणा की,अब क्या था,क्या माहौल हुआ ये अगली कहानी में ।
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